थाम लो उन लम्हों को,जो यहाँ से अभी गुजरे नहीं है
दिल दुखे है जरा से लेकिन,टूट के अभी बिखरे नहीं है
एक मोहब्बत की सदा से,पुकार के देखो तो जरा तुम
जख्म भर जायेंगे शायद,वो इतने अभी गहरे नहीं है
This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.
2 comments:
Bahut badhiya thakur saab
Keep it up
Nice!!
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