Saturday, September 20, 2008

जिंदगी-एक परछाई

ख्वाब में देखी जो बहारे,हकीकत में है वो मुरझाई सी
अपनी थी ये दुनिया,अब नजर आती है वो हरजाई सी
पास नही है गर कुछ तेरे,तो साथ न देंगे तेरे साये भी
ढूंढे कैसे वजूद जिंदगी का,जो ख़ुद लगती है परछाई सी

Thursday, September 11, 2008

मेरे साथ चलो

कुछ पल के लिए ही सही,मेरे साथ तुम चल के तो देखो
किसी की खातिर तुम कभी,अपनी राह बदल के तो देखो
हा!है मजा अपना तन्हाई में भी,मगर हर पल तो नही
मिटाके कभी अपनी हस्ती,किसी और में ढल के तो देखो

Wednesday, September 10, 2008

कोशिशे कहा...

दिल में अब वो आरजू कहा,किसीको पाने की ख्वाहिशे कहा
किसीकी अब वो जुस्तजू कहा,किसी के लिए वो आतिशे कहा
वीरा है इस दिल की दुनिया,न कोई आहट न कदमो के निशा
सीने में अब वो दिल कहा,दिल में धड़कने की वो कोशीशे कहा

Sunday, September 7, 2008

अब न तरसाओ

किसके ख़याल में यु चुपके से मुस्कुरा देते हो
क्या जानो तुम इस तरह दिल धड़का देते हो
अब तो कह दो,न छुपाओ अब ये राज हमसे
अपनी खामोशी से हमे तुम और तरसा देते हो