Saturday, October 18, 2008

जाऊ तो कहा?

कोई तो कह दो उनसे के पल पल कोई तड़पता है
लाख करे कोशीशे मगर न अब दिल सम्हलता है
जाऊ तो जाऊ कहा अब मैं ये दिल-ऐ-बेताब लेके
हर रास्ता मेरी जिंदगी का उन तक आके ठहरता है