दस्तक दी है जिसने दिल पे,वो मेहमां ढूंढता हू मै
दिखलायें जो मंज़िल-ऐ-इश्क,वो कारवां ढूंढता हू मै
मेरी हर धड़कन को है जुस्तजू,उनके नज़र ए करम की
दुवा ए दिल हो कुबूल जहां,वो आसमां ढूंढता हू मै
दिखलायें जो मंज़िल-ऐ-इश्क,वो कारवां ढूंढता हू मै
मेरी हर धड़कन को है जुस्तजू,उनके नज़र ए करम की
दुवा ए दिल हो कुबूल जहां,वो आसमां ढूंढता हू मै
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