वो पास नही होती तो तड़पता है दिल
हो जाए उनसे रूबरू तो झिझकता है दिल
नही फर्क दिल को,उनके पास-ओ-दूर होने से
दोनो ही सूरत में कमबख्त बस धड़कता है दिल
Thursday, June 26, 2008
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This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.
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