नजर में पहली ही दिल को मजबूर कर गया कोई
होश से वाकिफ जिंदगी को तसव्वुर कर गया कोई
अब न मिलता वो लम्हा मुझे चैन-ओ-सुकून भरा
अन-छुए दिल को छू के मंजूर कर गया कोई .
This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.
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