रास्ता मेरी ख्वाहिशो का तेरी कशिश में पलट के रह गया
तेरी जुल्फों में उलझा दिल और तुझसे लिपट के रह गया
क्या जादू था उस पल में,जिसने सिखाई धडकनों की जुबाँ
वक्त तमाम जिंदगी का,बस एक पल में सिमट के रह गया
Monday, June 30, 2008
Thursday, June 26, 2008
आसमाँ की तलाश
दस्तक दी है जिसने दिल पे,वो मेहमां ढूंढता हू मै
दिखलायें जो मंज़िल-ऐ-इश्क,वो कारवां ढूंढता हू मै
मेरी हर धड़कन को है जुस्तजू,उनके नज़र ए करम की
दुवा ए दिल हो कुबूल जहां,वो आसमां ढूंढता हू मै
दिखलायें जो मंज़िल-ऐ-इश्क,वो कारवां ढूंढता हू मै
मेरी हर धड़कन को है जुस्तजू,उनके नज़र ए करम की
दुवा ए दिल हो कुबूल जहां,वो आसमां ढूंढता हू मै
मोहब्बत का नशा
सिमट के रह गयी ये जिंदगी बस उनकी चाहत में
और कोई दास्ता नही मेरी किताब-ऐ-हसरत में
तस्वीर उनकी निगाहों में,और कोई नजारा नही
जरा हमसे पूछो तो जानो,क्या नशा है मोहब्बत में
और कोई दास्ता नही मेरी किताब-ऐ-हसरत में
तस्वीर उनकी निगाहों में,और कोई नजारा नही
जरा हमसे पूछो तो जानो,क्या नशा है मोहब्बत में
मेरा चेहरा उनकी सूरत
हर धड़कन किताब-ऐ-आरज़ू में,उनका ही नाम लिखने लगी है
हर पल हर लम्हा ये ज़िंदगी,सबक-ऐ-इश्क सिखने लगी है
किस कदर छायी है दीवानगी,कोई जाके जरा आईने से तो पूछे
के मेरे चेहरे में भी अब मुझको,उनकी ही सूरत दिखने लगी है
हर पल हर लम्हा ये ज़िंदगी,सबक-ऐ-इश्क सिखने लगी है
किस कदर छायी है दीवानगी,कोई जाके जरा आईने से तो पूछे
के मेरे चेहरे में भी अब मुझको,उनकी ही सूरत दिखने लगी है
धड़कन-ऐ-दिल
वो पास नही होती तो तड़पता है दिल
हो जाए उनसे रूबरू तो झिझकता है दिल
नही फर्क दिल को,उनके पास-ओ-दूर होने से
दोनो ही सूरत में कमबख्त बस धड़कता है दिल
हो जाए उनसे रूबरू तो झिझकता है दिल
नही फर्क दिल को,उनके पास-ओ-दूर होने से
दोनो ही सूरत में कमबख्त बस धड़कता है दिल
Sunday, June 22, 2008
मकाम-ऐ-हुस्न
मस्ती भरी अदाए उनकी,छलकते जाम से कम नही
शोखी उनके नजरो की,खुबसूरत पैगाम से कम नही
जो भी देखे उनको खो जाए बस राह-ऐ-बेखुदी में
मदहोशी की यह रहगुजर किसी मकाम से कम नही
शोखी उनके नजरो की,खुबसूरत पैगाम से कम नही
जो भी देखे उनको खो जाए बस राह-ऐ-बेखुदी में
मदहोशी की यह रहगुजर किसी मकाम से कम नही
Saturday, June 21, 2008
पहली नजर
नजर में पहली ही दिल को मजबूर कर गया कोई
होश से वाकिफ जिंदगी को तसव्वुर कर गया कोई
अब न मिलता वो लम्हा मुझे चैन-ओ-सुकून भरा
अन-छुए दिल को छू के मंजूर कर गया कोई .
Wednesday, June 18, 2008
बहकी सांसे
हर सांस आती है सीने में हवा बनके
हर सांस जाती है सीने से नशा बनके
टकराए दिल से जो,कैसे रहे भला बेअसर
छुप के बैठे वो दिल में जो वफ़ा बनके
हर सांस जाती है सीने से नशा बनके
टकराए दिल से जो,कैसे रहे भला बेअसर
छुप के बैठे वो दिल में जो वफ़ा बनके
बस उनकी चाहत
सारी दुनिया भी हो जाए हासिल,फ़िर भी क्या पाएंगे हम
इतनी बरकत से न होगी तस्कीन,बस उनको ही चाहेंगे हम
एक जिंदगी नही है गर काफी,उनकी आरजू में मिट जाने को
खुशी से होंगे रुखसत जहाँ से,फ़िर एक बार लौट आयेंगे हम
इतनी बरकत से न होगी तस्कीन,बस उनको ही चाहेंगे हम
एक जिंदगी नही है गर काफी,उनकी आरजू में मिट जाने को
खुशी से होंगे रुखसत जहाँ से,फ़िर एक बार लौट आयेंगे हम
Thursday, June 12, 2008
मीठी सी चुभन
दामन ख्वाबो का हर लम्हा छूता है कोई
पलको में छुप के दिल में आता है कोई
हर सु है जिक्र उनका मेरी दुनिया में
बनके चुभन मीठी सी मुझको सताता है कोई
पलको में छुप के दिल में आता है कोई
हर सु है जिक्र उनका मेरी दुनिया में
बनके चुभन मीठी सी मुझको सताता है कोई
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