Monday, July 23, 2007

Yaad

फिर किसीकी याद आयी,खामोशी मे तुफान आया
राह चलते चलते करीब,जब उसका मकान आयाजवाँ हो के सिमटने लगी,वो बिखरी हुवी हरसते 
हक़ीकत की ज़मीं से मिलने,ख्वाबो का आसमान आया

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