तनहाई के सागर मे उठती है यादो कि लहरे
पल पल हुवे जाते है दिल के जख्म गहरे
ए खुदा अब कुछ ऐसा कर तू मेरे लिए
या तो मिट जाये सारे गम या फिर ये जिंदगी ठहरे
Friday, July 20, 2007
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This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.
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