Tuesday, July 24, 2007

कही खो gaye

लोग आगे निकल जाते है,बदल जाते है
खुद ही गिरते है,संभल जाते है
जिनकी रहो मे बिछायी थी हमने बहारे
वोही आके हर एक फुल मसल जाते है


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