तुझसे दूरियों का न कभीशिकवा किया मैने
जहा पड़ा तेरा साया,वही सजदा किया मैने
बड़े फ़क्र से वो धूल, सजा के अपने माथे
किस्मत की लकीरों को यू ज़िंदा किया मैंने
जहा पड़ा तेरा साया,वही सजदा किया मैने
बड़े फ़क्र से वो धूल, सजा के अपने माथे
किस्मत की लकीरों को यू ज़िंदा किया मैंने
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