पलकें झुका ली है मैंने,नज़रें न मिला पाउँगा
@ मनिष गोखले...
ज़ख्म मेरे ख़्वाबों का,तुम्हें न दिखा पाउँगा
कही ग़म न दे बैठू तुम्हें,मै उम्र भर के लिये
इक और बोझ ये सीने पे,मैं न उठा पाउँगा
कही ग़म न दे बैठू तुम्हें,मै उम्र भर के लिये
इक और बोझ ये सीने पे,मैं न उठा पाउँगा
@ मनिष गोखले...
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