Thursday, December 12, 2013

...ही रहेगा

ये नफरत ही तेरे प्यार का मयार हो शायद 
मेरे प्यार का उस्लूब बस ये प्यार ही रहेगा 
एक रोज़ तो होंगे मेरे साये तुमसे वाबस्ता 
ता-उम्र मेरी नजर को तेरा इन्तेजार ही रहेगा 

Tuesday, December 3, 2013

...उम्मीद थी

न इन्तहा कि उम्मीद थी,न जूनून कि उम्मीद थी 
तूफा ए जिंदगी में तुमसे जरा सुकून कि उम्मीद थी 
बहके हुवे कदमो से मंजिले मिलती नहीं है कभी 
ऐ हमसफ़र मुझे तुमसे कुछ तवाजुन कि उम्मीद थी 

Monday, December 2, 2013

... जीत न सका

अपने गम तो तू बेच गया अक्सर मुझको
मुझसे मेरी खुशिया तू कभी खरीद न सका
तेरी बेवफाई पे हार गया है अब यकीं मेरा
पा के सबकुछ मुझसे,तू कुछ भी जीत न सका

Saturday, November 2, 2013

...निकल जाये

अब तो इन्तेजार है के कब ये जा निकल जाये 
तनहा आये थे  जहा में और तनहा निकल जाये 
अब प्यार चाहिए न किसीका और न दिलासा कोई 
जैसे बहते पानी के करीब से कोई प्यासा निकल जाये  

Thursday, October 31, 2013

तक़दीर

ये तक़दीर जो ठहरी मेरी,के प्यार जिन से किया 
वोही बदगुमाँ हो गए … 
इंतेहा दर्द कि अब और क्या होगी 
के उनकी नजर में हम ही बे-वफ़ा हो गए 

Saturday, June 22, 2013

वाह क्या नजर है उसकी,और कहने को हबीब-ए-अज़ीज़ है 
मै जानता हु क्या तंग-जर्फ़ है वो,नीयत उसकी गलीज़ है 
उम्रभर खेल के जा पे हमने साथ निभाया उसका मुसलसल 
जान गवाने को आया हु अब,और समझा के वो क्या चीज़ है 




Tuesday, June 18, 2013

फिर आखो में है तुफा...

फिर आखो में है तुफा,फिर लगा ये दिल धड़कने 
फिर ख्वाब-ओ-ताबीर में जीस्त लगी है उलझने 
फिर एक शिद्दत सी मेरी सासों में है जागी हुवी 
फिर जिस्म-ओ-रूह मेरी आज लगी है तडपने  





Tuesday, February 5, 2013

...बेवफाई तुम्हारी

अब और न सहेंगे हम ये बेवफाई तुम्हारी 
चाहे सहनी पड़ी अब हमे ये जुदाई तुम्हारी 
बड़े गम-गुसार बने फिरते हो तुम जहा में 
तुम्हारे पास ही रखो अब ये खुदाई तुम्हारी 

Monday, January 7, 2013

...न ले जाओ

मै रहना चाहता हु जमी पे,मुझे आसमा तक न ले जाओ 
मै तो हु बे-घर ही अच्छा,मुझे आशिया तक न ले जाओ 
ये कैसा हुजूम देख रहा हु मै इन अजनबी लोगो का 
तनहा ही रहने दो मुझको,उस कारवा तक न ले जाओ