Tuesday, December 3, 2013

...उम्मीद थी

न इन्तहा कि उम्मीद थी,न जूनून कि उम्मीद थी 
तूफा ए जिंदगी में तुमसे जरा सुकून कि उम्मीद थी 
बहके हुवे कदमो से मंजिले मिलती नहीं है कभी 
ऐ हमसफ़र मुझे तुमसे कुछ तवाजुन कि उम्मीद थी 

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