अब तो इन्तेजार है के कब ये जा निकल जाये
तनहा आये थे जहा में और तनहा निकल जाये
अब प्यार चाहिए न किसीका और न दिलासा कोई
जैसे बहते पानी के करीब से कोई प्यासा निकल जाये
तनहा आये थे जहा में और तनहा निकल जाये
अब प्यार चाहिए न किसीका और न दिलासा कोई
जैसे बहते पानी के करीब से कोई प्यासा निकल जाये
1 comment:
bahut badhiya !
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