कभी मिलेंगे अजनबी बनके
शायद नयी पहचान हो जाये
यु तो है ये घड़िया मुश्किलो भरी
क्या पता कुछ आसान हो जाये
बहोत हो चुकी ये बदग़ुमानिया
आओ फिर से नादान हो जाये
खोये हुवे तवाज़ून की खातिर
काश ये वक़्त मीज़ान हो जाये
आ साथ चले दर ए खुदा की जानिब
नयी ज़िंदगी की आज़ान हो जाये
तवाज़ून-संतुलन
मीज़ान --तराज़ू
शायद नयी पहचान हो जाये
यु तो है ये घड़िया मुश्किलो भरी
क्या पता कुछ आसान हो जाये
बहोत हो चुकी ये बदग़ुमानिया
आओ फिर से नादान हो जाये
खोये हुवे तवाज़ून की खातिर
काश ये वक़्त मीज़ान हो जाये
आ साथ चले दर ए खुदा की जानिब
नयी ज़िंदगी की आज़ान हो जाये
तवाज़ून-संतुलन
मीज़ान --तराज़ू
No comments:
Post a Comment