Thursday, September 4, 2014

...बने के न बने

ये गम नहीं है, के अब बात बने के न बने 
है तेरी आरजू ही काफी,मेरे जीने के लिये 
ये दुवा है के आये मौत भी,इसी बेखुदी में 
के फिर लौट आउ कभी,तुम्हे पाने के लिये 

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