Thursday, May 8, 2014

...हो जाउ

तेरा खयाल न करू तो इस दिल का मुज़रिम हो जाउ  
तेरे खयालो मे रहू,तो दर्द ओ गम मे तक़सीम हो जाउ  
तू ही बता दे अब के कैसे निभाउ मै ये मोहब्बत तेरी 
तू कहे तो जी लू,ना कहे तो जिन्दगी से यतीम हो जाउ 

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