इन्तेख्वाब मंज़िल ऐ उफक का,मेरा ये हौसला तो देखिये
रहू जमी पर और छू लू आसमा,मेरा ये फैसला तो देखिये
माना होंगे काटे हर राह में,मगर है कुछ मजा इसमें भी
अब न रुकुंगा कही,अपनी ज़िद का ये सिलसिला तो देखिये
उफक---क्षितिज
रहू जमी पर और छू लू आसमा,मेरा ये फैसला तो देखिये
माना होंगे काटे हर राह में,मगर है कुछ मजा इसमें भी
अब न रुकुंगा कही,अपनी ज़िद का ये सिलसिला तो देखिये
उफक---क्षितिज
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