Wednesday, August 27, 2008

पत्थर दिल

दिल पे रख दिया कोई,या दिल को पत्थर बनाया हमने
न देख सके अब और कोई,ऐसा एक मंजर बनाया हमने
गम उठाये जो हमने इश्क में,हम ही तक रखेंगे उन को
अब न रोयेगा कभी ये दिल,इतना बे-असर बनाया हमने

1 comment:

Unknown said...

Moothbhar hrudayat
afat jaga mokali ahe
bhavananvina hruday
nivval ek pokli ahe