नही चैन इस दिल को,दिल-ऐ-बेकरार की कसम
अब और नही आरजू कोई,तेरे इंतजार की कसम
है यकीं इतना,रहूँगा मैं भी तेरे दिल के आशियाने में
न करना अब इन्कार,तुझे मेरे ऐतबार की कसम
Thursday, August 14, 2008
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This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.
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