दिल पे रख दिया कोई,या दिल को पत्थर बनाया हमने
न देख सके अब और कोई,ऐसा एक मंजर बनाया हमने
गम उठाये जो हमने इश्क में,हम ही तक रखेंगे उन को
अब न रोयेगा कभी ये दिल,इतना बे-असर बनाया हमने
Wednesday, August 27, 2008
वो हमारा हो गया
दर्द इश्क का जब से दिल को गवारा हो गया
मेरे तसव्वुर में हर तरफ़ तेरा नजारा हो गया
अक्सर लहराती बर्क़ सीने में,ये समझाती है
कोई जन्नत से जमी पे उतरा,हमारा हो गया
मेरे तसव्वुर में हर तरफ़ तेरा नजारा हो गया
अक्सर लहराती बर्क़ सीने में,ये समझाती है
कोई जन्नत से जमी पे उतरा,हमारा हो गया
Thursday, August 14, 2008
तुझे मेरी कसम
नही चैन इस दिल को,दिल-ऐ-बेकरार की कसम
अब और नही आरजू कोई,तेरे इंतजार की कसम
है यकीं इतना,रहूँगा मैं भी तेरे दिल के आशियाने में
न करना अब इन्कार,तुझे मेरे ऐतबार की कसम
अब और नही आरजू कोई,तेरे इंतजार की कसम
है यकीं इतना,रहूँगा मैं भी तेरे दिल के आशियाने में
न करना अब इन्कार,तुझे मेरे ऐतबार की कसम
Wednesday, August 13, 2008
डूबती जिंदगी
बीच भवर में हम है फसे और लहरें भी हुवी बेवफा
फासले ऐसे में साहिल से हर पल हो रहे है जियादा
कही इतनी दुरी न हो जाए,के देख सके न हमे कोई
तन्हाई में मिट के रहेगी वरना इस जिंदगी की दास्ताँ
फासले ऐसे में साहिल से हर पल हो रहे है जियादा
कही इतनी दुरी न हो जाए,के देख सके न हमे कोई
तन्हाई में मिट के रहेगी वरना इस जिंदगी की दास्ताँ
Sunday, August 10, 2008
तमाशा जिंदगी का
चैन से ये भी न गुज़रेगा,जो वक्त बचा है ज़रासा ज़िंदगी का
जी ते जी कितनी बार उठेगा अब और जनाजा ज़िंदगी का
एक लम्हा भी न हासिल हुवा कभी,नाज़ कर लेते जिस पे हम
ऐ खुदा रहने दे,बहोत हो चुका अब ये तमाशा ज़िंदगी का
जी ते जी कितनी बार उठेगा अब और जनाजा ज़िंदगी का
एक लम्हा भी न हासिल हुवा कभी,नाज़ कर लेते जिस पे हम
ऐ खुदा रहने दे,बहोत हो चुका अब ये तमाशा ज़िंदगी का
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