Friday, March 14, 2008

दर्द-ओ-बेखुदी

हर शै है पास मेरे,बस एक होश के सिवा
कुछ नही है सीने मे, बस एक सोंज के सिवा
छिना है जिसने चैन,काश वो मिल जाए
शमा-ऐ-दिल न जलेगी अब उस अफरोज के सिवा

सोंज-जलन
अफरोज-महफिल मे शमा जलानेवाला

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