Friday, March 21, 2008

हसरत

अश्को से शिकवा नही,खुशियों मोहब्बत नही
तोडे कोई दिल फिर भी,हमे उनसे शिकायत नही
जलाई तकदीर ने बहारे, हसरतों के गुलशन की
जिंदा रहके भी मुझे अब,जीने की हसरत नही

Thursday, March 20, 2008

वजूद

इस जहाँ मे मेरे होने का कब सुबूत था
मुझ मे मैं ही कहाँ मौजूद था
चलते फिरते जिस्म को कैसे कहूँ जिंदगी
ढुंढते ढुंढते थक गया जिसे वो मेरा वजूद था

हासिल

मंझधार मे है मेरी कश्ती,साहिल कहाँ है क्या जाने
चल रहा हूँ मैं डगर अपनी,मंजिल कहाँ है क्या जाने
यू तो खिल जाता है फूल,एक दिन सहरा मे भी
मेरी जिंदगी का मगर,हासिल कहाँ है क्या जाने

ये दिल

काश देख सकता ये दिल,तो कश्मकश न होती
जी भर के देखता तस्वीर तेरी,सीने से लगाके

Wednesday, March 19, 2008

अंजुमन

आहट उनके आने की,धड़कन बन जाती है
छुपाऊ क्या बताऊ क्या,उलझन बन जाती है
मुस्कुराके देखना उनका,होता है सबब नशे का
झुमके फिर ये जिंदगी,अंजुमन बन जाती है

अंजुमन-महफिल

Tuesday, March 18, 2008

इम्तेहा दिल का

खामोश दिल की गलियों मे ये तुफाँ कैसा
नजरो से दिल तक पोह्चा ये मेहमाँ कैसा
सुकु था कल तक दिल को,मगर अब नही
बेचैनी ले रही है हर पल ये इम्तेहा कैसा

मर्ज

सच ही कहा है किसीने इश्क को मर्ज यहाँ
दवा इसकी कोई नही,बस दिलबर के सिवा

Friday, March 14, 2008

दर्द-ओ-बेखुदी

हर शै है पास मेरे,बस एक होश के सिवा
कुछ नही है सीने मे, बस एक सोंज के सिवा
छिना है जिसने चैन,काश वो मिल जाए
शमा-ऐ-दिल न जलेगी अब उस अफरोज के सिवा

सोंज-जलन
अफरोज-महफिल मे शमा जलानेवाला

Saturday, March 1, 2008

अहसास

कोई नगमा न हो प्यार का, एक लब्ज की मिठास ही काफी है
मुकम्मल न हो दिल की दास्ताँ,उसका आगाज ही काफी है
ऐतबार ही है फकत इलाज इन दुरियो का
करीब कोई हो न हो,किसी के पास होने का अहसास ही काफी है