Monday, June 9, 2014

...बदल गया हूँ

दर्द उठाना लिखा था,दर्द में ढल गया हूँ 
अब तो आंसू भी नहीं आते,इतना बदल गया हूँ 
मुझको आवाज़ न देना मेरे हमनशीनो 
मै न मिलूंगा अब कभी,आगे निकल गया हूँ 

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