दर्द उठाना लिखा था,दर्द में ढल गया हूँ
अब तो आंसू भी नहीं आते,इतना बदल गया हूँ
मुझको आवाज़ न देना मेरे हमनशीनो
मै न मिलूंगा अब कभी,आगे निकल गया हूँ
अब तो आंसू भी नहीं आते,इतना बदल गया हूँ
मुझको आवाज़ न देना मेरे हमनशीनो
मै न मिलूंगा अब कभी,आगे निकल गया हूँ
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