Monday, June 23, 2014

...मंजूर नहीं

किसी गुजरे हुवे वक़्त की तरह,यु बीतना मंजूर नहीं 
अगर तुम हार जाओ,तो भी मुझे जीतना मंजूर नहीं  
हमसफर हो तो एक मंजिल है अपनी,एक ही रास्ता 
यु किसी और मक़ाम पे तुम्हे,अब मिलना मंजूर नहीं 

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