क्या पता किसकी खता है,किसका ये गुनाह है
सच तो ये है के आज दिल मुकम्मल तबाह है
गुजरते हुवे वक़्त ने छीन लिया है मुझसे उनको
धुंधलाते उनके सायो पे अब भी मेरी निगाह है
सच तो ये है के आज दिल मुकम्मल तबाह है
गुजरते हुवे वक़्त ने छीन लिया है मुझसे उनको
धुंधलाते उनके सायो पे अब भी मेरी निगाह है