Friday, September 23, 2011

...को भूल जाऊ

ये तो कोई और है के मै तेरी परछाई को भूल जाऊ
तेरे खयाल में ही रहू और इस तनहाई को भूल जाऊ
आयी हो चाहे तब्दीली तेरी नजर में आज फिर भी
तेरी आरजू में ही रहू और इस बेवफाई को भूल जाऊ