Friday, August 13, 2010

मुस्कुराये कब तक

यु झूठी खुशियों के सहारे मुस्कुराये कब तक
यु अश्को के सैलाब पलकों से टकराए कब तक
रख दू हाथ जो सीने पे तो दिल ये पूछता है
यु काटों पे ये जिंदगी आखिर बिछाए कब तक  

3 comments:

vandana gupta said...

sundar abhivyakti.

manjeet said...

very nice!!

mai... ratnakar said...

रख दू हाथ जो सीने पे तो दिल ये पूछता है
यु काटों पे ये जिंदगी आखिर बिछाए कब तक
behad umda aur marmsparshee