Thursday, August 12, 2010

शब-ए-शाद

रातभर छुपाते है वो मुझको,जुल्फ ओ दामन में
मैं भी खुद को भूल रहा,महकी हुवी चिलमन में
ऐ वक़्त ठहर जा या बढ़ा कदम आहिस्ता अपने 
के पहली बार आयी है ये शब-ए-शाद मेरे जीवन में

शब-ए-शाद---खुशियों की रात

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