हकीकत मैं अपनी जो तुम्हे सुना देता
इक बार अपने दर्द से तुम्हे रुला देता
मोती उन अश्को के सीने से लगा के
अपनी ख्वाहिशो को ता-उम्र भुला देता
Saturday, June 19, 2010
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This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.
3 comments:
...बेहतरीन!!!
शोभनम्
umda!!
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