Wednesday, July 9, 2014

...रहा हूँ आजकल

नाम-ए-उल्फत के बहाने दिल को सता रहा हूँ आजकल 
किसी की खातिर मैं खुद को ही भूला रहा हूँ  आजकल 
इश्क़ किया तो जाना के दर्द की सिवा कुछ भी नहीं 
बड़ी ख़ुशी से लेकिन ये गम उठा रहा हूँ आजकल 

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