Friday, July 4, 2014

...बिखरा गयी वों

मेरी नजर-ए-शौक से हाय शरमा गयी वों  
न जाने अपने आँचल को यु लहरा गयीं वों 
मै चश्म-दीद बना जो उसकी धड़कनो का 
मानो हजारो कलियाँ फज़ा में बिखरा गयी वों 

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