Tuesday, July 22, 2014

...समाया जाता है

माना के बोझ है,पर ख़ुशी से ये भी उठाया जाता है 
इश्क़ वो इक दांव है,जो ज़िंदगी पे लगाया जाता है 
आपही मिटने लगती है हस्ती,मुद्दतों सम्हाली हुवी 
चुपके से जब इक अजनबी,रूह में समाया जाता है 

@ मनिष गोखले... 

Wednesday, July 9, 2014

...रहा हूँ आजकल

नाम-ए-उल्फत के बहाने दिल को सता रहा हूँ आजकल 
किसी की खातिर मैं खुद को ही भूला रहा हूँ  आजकल 
इश्क़ किया तो जाना के दर्द की सिवा कुछ भी नहीं 
बड़ी ख़ुशी से लेकिन ये गम उठा रहा हूँ आजकल 

Friday, July 4, 2014

...बिखरा गयी वों

मेरी नजर-ए-शौक से हाय शरमा गयी वों  
न जाने अपने आँचल को यु लहरा गयीं वों 
मै चश्म-दीद बना जो उसकी धड़कनो का 
मानो हजारो कलियाँ फज़ा में बिखरा गयी वों