मुझको बेवफा कहनेवालो,बा-वफ़ा तो तुम भी नहीं
मेरे गमो पे हसनेवालो,खुशनुमा तो तुम भी नहीं
मेरे जख्मो से कुछ तो वास्ता है आखिर तुम्हारा भी
मुझको मार के बचनेवालो,यु तो जिन्दा तुम भी नहीं
मेरे गमो पे हसनेवालो,खुशनुमा तो तुम भी नहीं
मेरे जख्मो से कुछ तो वास्ता है आखिर तुम्हारा भी
मुझको मार के बचनेवालो,यु तो जिन्दा तुम भी नहीं
1 comment:
क्या बात है. बढ़िया शायरी.
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