चुपके से बज़्मे-ए-ख़्वाब,दिल में सजा गये वो
रंग किसी नशे के,मेरी हस्ती पे जमा गये वो
धडकनों से सजा रखी हैं मैंने,हर राह उनकी
संग मेरी ख़्वाहिशों के,मेरे घर तक आ गये वो
@ मनिष गोखले...
रंग किसी नशे के,मेरी हस्ती पे जमा गये वो
धडकनों से सजा रखी हैं मैंने,हर राह उनकी
संग मेरी ख़्वाहिशों के,मेरे घर तक आ गये वो
@ मनिष गोखले...
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