Wednesday, July 29, 2009

बेचैन जिंदगी

गमो का साथ भी हमने निभा के देख लिया
अपनी हसरतो को कुछ बुझा के देख लिया
सुकू कही भी हासिल नही होता हमे यहाँ पर
ज़िंदगी को हर मुमकिन आज़मा के देख लिया

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