Monday, June 29, 2009

तलाश

जलवों की धुप है लेकिन,वो उल्फत के साये कहा है
थाम सके जो जिंदगी मेरी,वो नाजुक सी बाहे कहा है
अपनी नजरो ने तो देखे है,दुनिया के रंगीन नज़ारे
अक्स अपना देख सकू जिसमे,वो निगाहे कहा है

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