हम जो चलते रहे,तो ये रात साथ चलती रही
हर बढ़ते कदम पर,सुबह की आस ढलती रही
दुनिया ने तो देख लिए सूरज के चढ़ते नज़ारे
खुशिया मेरी लेकिन अपनी आँख मलती रही
Sunday, March 22, 2009
Saturday, March 14, 2009
Wednesday, March 11, 2009
फक्र मोहब्बत का
है दर्द मुझको अब भी,के मेरी जिंदगी में वो नही
फक्र है फ़िर भी इतना,के मुझे उनसे मोहब्बत है
फक्र है फ़िर भी इतना,के मुझे उनसे मोहब्बत है
तड़प उम्रभर की
कैसा असर छोड़ गये वो न आ के जिंदगी में
बेख्वाबी,बेचैनी से ताल्लुक बन गया हमारा
बेख्वाबी-नींद न आना
बेख्वाबी,बेचैनी से ताल्लुक बन गया हमारा
बेख्वाबी-नींद न आना
Tuesday, March 10, 2009
दूर जाना मंजिल का...
फ़िर वोही ये दास्ताँ,फ़िर टूट जाना दिल का
दर्या के पास हो के प्यासा रह जाना साहिल का
कब तक चलेंगे यु ही सीतम अपनी किस्मत के
करीब आते आते हर पल दूर जाना मंजिल का
दर्या के पास हो के प्यासा रह जाना साहिल का
कब तक चलेंगे यु ही सीतम अपनी किस्मत के
करीब आते आते हर पल दूर जाना मंजिल का
Monday, March 9, 2009
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