होश में आ गए हम होश गवाने के बाद
एक कतरा भी पी न सके जाम उठाने के बाद
कुछ भी याद नही मुझे बस एक तेरे सिवा
तुझको पा लिया है मैंने खुदको भुलाने के बाद
Wednesday, February 18, 2009
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This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.
1 comment:
kya bat hai... ama tum shayar ho ki ....kwab ho
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