क्या है जरुरत तस्वीर की,जो छुपालो किसीको निगाहों में
आँखे मूंद के देखो ख्वाब, और जो भरलो किसीको बाहों मे
बनाके मंजिल किसीको,चलोगे जब राह-ऐ-मोहब्बत पर
मिल ही जाएगा वो दिलबर,चलते चलते हसीन सी राहों मे
Wednesday, November 12, 2008
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1 comment:
बहुत बढिया!!
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