वो भी देखते है तुम्हे और देखते है हम भी
ऐ चाँद ख़ुद बन जाना तुम आइना कभी
देख तो ले वो के पल पल तडपता है कोई
है आरजू के मेरे हाल से न रहे वो अजनबी
Friday, November 14, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.
No comments:
Post a Comment