Tuesday, May 20, 2008

कारवाँ दिल का

जाने कौनसी मंजिल पायेगा,ये कारवाँ दिल का

क्या मिलेगा राह-ए-आरजू मे,मेहमाँ दिल का

ऐसा मिले हमसफ़र, तो कही न ठहरे हम

ख़ुद हो के बेखुद साथ चलेगा आसमाँ दिल का

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