ढूंढे नही मिला सुकू,मस्जिदों मे खराबातो मे
दिल बहल न पाया उनसे मुलाकातों मे
कोई जतन नजर नही आता मुझको,एक के सिवा
कुछ तो नरमी पैदा हो जाये उनके जज्बातों मे
Saturday, December 29, 2007
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This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.
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