अब तो इन्तेजार है के कब ये जा निकल जाये
तनहा आये थे जहा में और तनहा निकल जाये
अब प्यार चाहिए न किसीका और न दिलासा कोई
जैसे बहते पानी के करीब से कोई प्यासा निकल जाये
तनहा आये थे जहा में और तनहा निकल जाये
अब प्यार चाहिए न किसीका और न दिलासा कोई
जैसे बहते पानी के करीब से कोई प्यासा निकल जाये