हकीकत मैं अपनी जो तुम्हे सुना देता
इक बार अपने दर्द से तुम्हे रुला देता
मोती उन अश्को के सीने से लगा के
अपनी ख्वाहिशो को ता-उम्र भुला देता
Saturday, June 19, 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)
This is my own shayari.Thanks 2 Rafi sahab,he directly or indirectly taught me to do a shayari.i hope you will like it.