मिलता गर हमको रास्ता कोई ,तो हम भी ठिकाना पा लेते
अपनी किस्मत ने रखां तनहा,वर्ना हम भी जमाना पा लेते
जो भी बजाना चाहा,हर साज तोड़ दिया अपनी तकदीर ने
महफिल मे जिंदगी की वर्ना,हम भी कोई तराना गा लेते
Sunday, April 6, 2008
Wednesday, April 2, 2008
खून-ए-दिल
नीले आसमाँ पे मिलेगा लोगो,एक अब्र-ए-सुर्ख का निशाँ
लिखा है खून-ए-दिल से मैंने, फलक पे नाम उनका
अब्र-बादल , सुर्ख- लाल, फलक-आसमान
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