Thursday, November 29, 2007

वजह तो हो...

सजा देते हो तुम,मगर कोई गुनाह तो हो
चुराते हो नजर क्यो,इस जानिब एक निगाह तो हो
मेरी वफ़ा का मुझको मिला है कैसा ये सिला
हम से चाहते हो दुरी,मगर कोई वजह तो हो



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