जन्मों-जन्मीचं नातं एका क्षणात तुट्लं का गं
पुन्हा जोडावं असं तुला नाही वाटलं का गं?
एकमेकांच्या सुखदुःखाचे प्रवाह काल पर्यंत होते एक
भावनेचं हे पाणीं मात्र आज आटलं का गं?
आपण दोन पक्षी,उड़त होतो एकाच आकाशी
प्रेमाच्या या पंखांना नशिबनं छाटलं का गं ?
दाखवण्यासाठी मला उगाच हसतोस तू
डोळ्यात मग तुझ्या पाणी दाटलं का गं?
सोड सगळे दुरावे, येऊ पुन्हा एकत्र आपण
आयुष्य अजून आहे बाकी,हे एवढ़्यावरच साठलं का गं?
Thursday, November 29, 2007
वजह तो हो...
सजा देते हो तुम,मगर कोई गुनाह तो हो
चुराते हो नजर क्यो,इस जानिब एक निगाह तो हो
मेरी वफ़ा का मुझको मिला है कैसा ये सिला
हम से चाहते हो दुरी,मगर कोई वजह तो हो
चुराते हो नजर क्यो,इस जानिब एक निगाह तो हो
मेरी वफ़ा का मुझको मिला है कैसा ये सिला
हम से चाहते हो दुरी,मगर कोई वजह तो हो
Friday, November 9, 2007
क्या जाने
इस दिल के गम ए जानेजिगर तू क्या जाने
क्यों हुवा तू इतना बे-असर क्या जाने
एक था वो भी जमाना,दर्द था तेरे सीने मे
अचानक क्यों बन गया तू सितमगर क्या जाने
क्यों हुवा तू इतना बे-असर क्या जाने
एक था वो भी जमाना,दर्द था तेरे सीने मे
अचानक क्यों बन गया तू सितमगर क्या जाने
Tuesday, November 6, 2007
कायम रहे ...
तेरी जुल्फ के जुल्मात,निगाहों मे नूर कायम रहे
मेरे दिल मे शौक,तेरा हुस्न-ए-हूर कायम रहे
कुछ तो नशा चाहिऐ जीने के लिए मुझको
मेरी आरजू ओ मे तेरे जलवों का सुरूर कायम रहे
मेरे दिल मे शौक,तेरा हुस्न-ए-हूर कायम रहे
कुछ तो नशा चाहिऐ जीने के लिए मुझको
मेरी आरजू ओ मे तेरे जलवों का सुरूर कायम रहे
Friday, November 2, 2007
ऐतबार
इस दिल को यू ही बेकरार रहने दे
तू न आ,तेरा इंतजार रहने दे
दो पल की जुदाई कभी जोड़ जाती है दो दिलो को
मिलेंगे मगर एक दिन इतना ऐतबार रहने दे
तू न आ,तेरा इंतजार रहने दे
दो पल की जुदाई कभी जोड़ जाती है दो दिलो को
मिलेंगे मगर एक दिन इतना ऐतबार रहने दे
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