ना मौत मिली हमें,ना हम जिंदगी के रहे
ना आसमाँ पे पोहचे,ना हम जमी के रहे
ना उनको पाया और ना ही उन्हें भूल सके
मोहब्बत में आख़िर,ना हम कही के रहे
Thursday, May 28, 2009
Wednesday, May 27, 2009
अब तो चली आ
जजबातों का है इस दिल पे जोर,अब तो चली आ
तड़प का आलम है चारो और,अब तो चली आ
सहा नही जाता धडकनों का शोर,अब तो चली आ
टूटने को है ये सासों की डोर,अब तो चली आ
तड़प का आलम है चारो और,अब तो चली आ
सहा नही जाता धडकनों का शोर,अब तो चली आ
टूटने को है ये सासों की डोर,अब तो चली आ
Sunday, May 3, 2009
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